लोगों की राय

विविध >> छूना है आसमां

छूना है आसमां

कुमार पंकज

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :159
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7289
आईएसबीएन :978-81-288-2136

Like this Hindi book 9 पाठकों को प्रिय

354 पाठक हैं

देश का युवा नेतृत्व...

Chhuna Hai Aasman - A Hindi Book - by Kumar Pankaj

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में युवा हाथों में देश की बागडोर का सपना साकार होने का समय आ गया है। पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव के परिणाम इस बात के संकेत देते हैं कि इस बार की संसद में युवा चेहरों की भरमार होगी और यही चेहरे देश का नेतृत्व तय करेंगे। इस बार लोकसभा में 226 सांसद ऐसे हैं जिनकी आयु 50 साल से कम है, जिसमें 82 सांसद ऐसे हैं जो 40 साल से भी कम आयु के हैं। हालांकि 17वीं लोकसभा के चुनाव में 114 सांसद ऐसे थे जिनकी आयु 40 साल से कम थी, लेकिन उस समय युवा नेतृत्व में उतनी चेतना नहीं थी। अब इसे जागरुकता कहें या फिर 21वीं सदी की सोच, लेकिन यह तय है कि युवा नेतृत्व का उदय हो चुका है और राहुल गांधी कद्दावर नेता के रूप में उभरे हैं। अब समय आ गया है जब यह युवा सांसद सरकार और संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते दिखाई देंगे।
युवा नेतृत्व के विकास की गाथा संजोए यह पुस्तक निःसंदेह राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्र से सरोकार रखने वाले हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक साबित होगी।

भूमिका

युवा, ऊर्जावान, अमीर और प्रभावशाली नेताओं की फौज पंद्रहवीं लोकसभा की तस्वीर है। इस तस्वीर से अब यह लगने लगा कि युवा हाथों में देश की बागडोर का सपना अब साकार होने का समय आ गया है। आज नहीं तो कल हो ही जाएगा। लोकसभा के चुनावी नतीजे आने के बाद जो बात सबसे ज्यादा मीडिया और आम लोगों के बीच बहस का केंद्र रही वे देश के युवा नेतृत्व को लेकर रहीं भले ही देश की कमान डॉ. मनमोहन सिंह को सौंपी गई हो लेकिन इस कमान के पीछे युवा चेहरों की एक फौज खड़ी है। जिसे देखकर कहा जा सकता है कि संसद का यही चेहरा अब उभरकर सामने आ गया है। डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में भी युवाओं को मौका दिया गया है। उनमें अगाथा संगमा जहां सबसे कम उम्र की मंत्री बनी हैं वहीं सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, जितिन प्रसाद जैसे युवाओं की टीम भी शामिल है जो अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं।

नए युवा सांसदों के राजनीतिक अनुभव भले ही कम हों लेकिन उनकी दूरदृष्टि सोच से देश और समाज का विकास का सपना जरूर साकार होगा। राजनीति अनुभवों का खेल हो सकता है लेकिन अनुभवों के आगे दूरदर्शिता से भी संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। जिससे आने वाली पीढ़ी एक नई तस्वीर गढ़ सके। इस बार संसद में 226 सांसद ऐसे है जो 50 साल से कम उम्र के हैं और 82 ऐसे हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है यानी अब राजनीति में युवा उदय शुरू हो गया है। युवा सांसदों के साथ-साथ 36 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 साल से अधिक है। यानी उम्र और अनुभव का बेहतर समन्वय एक बार संसद में देखने को मिलेगा। हालांकि सातवीं लोकसभा में 114 सांसद ऐसे थे जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम थी लेकिन उस समय के युवाओं में वह जोश, वह ऊर्जा नहीं देखने को मिली थी जो आज मिल रही है। ब्रिटेन और जापान जैसे मुल्कों में सांसदों की औसत आयु भारत के सांसदों की औसत आयु की तरह है। इससे एक बात तय है कि अब हम भी विकास के नए प्रतिमान को गढ़ने के लिए तैयार है। भले ही हम विकासशील देश की श्रेणी में हो लेकिन विकसित देशों में शामिल होने में अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा अगर इसी तरह से युवा तस्वीर उभरती रहे और ये युवा ऊर्जावान होकर देश के लिए कुछ कर सकें।

‘छूना है आसमां’ पुस्तक युवाओं की उपलब्धियों और परिचय का एक छोटा-सा प्रयास है जिसमें युवा सांसदों की तस्वीर पेश की गई है। इन सांसदों के अलावा उन सांसदों का भी परिचय दिया गया है जो उम्र में तो ज्यादा हैं लेकिन अनुभवों के कारण देश की तस्वीर बदलने में उनकी भूमिका अलग होगी विरासत में मिली राजनीति के कई दिग्गज सांसद भी इस तस्वीर का एक पहलू हैं। जिन्हें देश की जनता जान सके। युवा नेतृत्व का नायक अगर सही मायने में कहा जाए तो वह हैं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी जिनके प्रयासों का नतीजा है आज कांग्रेस युवा सांसदों की बदौलत 200 से ज्यादा का आंकड़ा पार कर संसद के गलियारे में चहलकदमी कर रहे हैं।

इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा भी युवा सांसदों के बीच रहकर मिली है इन सांसदों में राहुल गांधी से लेकर सचिन पायलट ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, जितिन प्रसाद आदि शामिल हैं जो युवाओं के भविष्य को लेकर चिंतित दिखे। पुस्तक लिखने की प्रेरणा लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले मिली जब बिजनेस भास्कर के संपादक यतीश राजावत और राजनीतिक संपादक उर्मिलेश ने युवा नेतृत्व से कुछ सवाल करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपीं जिनमें कुछ साक्षात्कार बिजनेस भास्कर में प्रकाशित भी हुए। तभी से मैंने इस पुस्तक की भूमिका तैयार करनी शुरू कर दी मैं इनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं आभारी हूं, बिजनेस भास्कर के अपने सभी साथियों का जो हमेशा कुछ न कुछ करने के लिए मुझे उत्साहित करते रहते हैं। मैं आभार व्यक्त करता हूं डायमंड बुक्स के नरेन्द्र कुमार का जिन्होंने पुस्तक को शीघ्र लिखने के लिए मुझे उकसाया। नरेन्द्र जी के प्रयासों का नतीजा है कि यह पुस्तक आपके सामने है।

अनुक्रम

१. देश का युवा नेतृत्व
२. युवा नेताओं का परिचय
३. राज्यों में युवा नेतृत्व
४. पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव
५. धनबल और बाहुबल का बोलबाला
६. विजयी उम्मीदवार
७. मंत्रिपरिषद सूची
८. पहली दलित महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार
९. पंद्रहवीं लोकसभा में विजयी उम्मीदवारों के नाम

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai